मध्यप्रदेश में कोरोना के विरुद्ध सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग

- डा.अनु श्रीवास्तव 


 


          संपूर्ण विश्व आज कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है। भारत में भी यह महामारी दबे पाँव अपने पैर जमा रही है। भारत में इस चुनौती से निपटने के लिये युद्ध स्तर पर प्रयास आरंभ कर दिये हैं। केन्द्र सरकार के प्रयासों के साथ-साथ राज्य सरकारें भी इस संकट का डटकर सामना कर रही हैं। भारत के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश में भी इस बीमारी से डटकर मुकाबला करने की रणनीति बनाई है। शासन-प्रशासन के साथ-साथ स्वैच्छिक संगठनों, सामाजिक संगठनों एवं जनसहयोग से इस बीमारी को दूर करने में हम शनैः-शनैः सफल हो रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण एवं प्रभावी उपयोग सूचना प्रौद्योगिकी का रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने आई.आई.टी. टी. की अवधारणा को इस महामारी से लड़ने का सबसे महत्वपूर्ण हथियार बनाया है। आई.आई.टी.टी. अर्थात आइडेंटिफिकेशन आइसोलेशन टेस्टिंग एवं ट्रीटमेंट। इस अवधारणा के आधार पर ही मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य विभाग कार्य कर रहा है। यह एक चरणबद्ध प्रक्रिया है। सर्वप्रथम टेस्टिंग क्षेत्र में वृद्धि करते हुये कोरोना पाजीटिव संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। ऐसे व्यक्तियों को पृथक आइसोलेशन केन्द्रों में रखा जा रहा है। टेस्ट एवं ट्रीटमेंट के माध्यम से इनका उपचार किया जा रहा है।


          सरकार ने 450 कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर राज्य स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है। इन नियंत्रण कक्ष के माध्यम से नागरिकों की समस्याओं का पंजीयन, राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों का प्रादेशिक अधिकारियों, जिला मजिस्ट्रटों और आवासीय आयुक्तों से प्रभावी सम्पर्क सी.एम.हेल्पलाइन और व्हाट्सअप नम्बर का प्रचार प्रसार, भोजन, राशन, चिकित्सा, आवास आदि की व्यवस्था प्रभावी ढंग से की गई है। लाॅकडाउन में आधुनिक तकनीक को बड़े स्तर पर उपयोग करते हुये वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रदेश स्तर पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच प्रभावी सम्पर्क और समन्वय स्थापित कर स्थिति पर पूरा नियंत्रण बनाया गया है। कोविड पोर्टल पर प्रदेश में इस महामारी का सारा डाटा संग्रहित किय जा रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जिलों में कोरोना केसों की संख्या का आंकड़ा प्रतिदिन जारी किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत पाजीटिव केसों की संख्या, उपचार उपरांत ठीक हुए केसों की संख्या एवं इस महामारी से मृत लोगों की संख्या जारी की जा रही है। लाकडाउन के दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में फँसे हुए लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए आनलाइन प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इसके अंतर्गत ऐसे व्यक्ति आनलाइन आवेदन कर ई-पास प्राप्त कर सकते हैं।


          लाकडाउन में प्रदेशवासियों को आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो इस उद्देश्य से आनलाइन आर्डर एकत्रित कर वस्तुओं की घरों में आपूर्ति की जा रही है। इस कार्य के लिए स्थानीय निकायों की इकाइयों को अधिकृत किया गया है। साथ ही साथ व्यापारिक संस्थानों को भी घर पहुँच सेवा की अनुमति प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत सब्जियाँ, राशन का सामान, दूध आदि की सप्लाई को बिना किसी बाधा के संचालित किया जा रहा है।


          भारत सरकार द्वारा कोरोना रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन का मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शत-प्रतिशत अनुपालन किया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा निर्देशित आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करने के प्रभावी दिशा-निर्देश एवं व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से प्रदेश की जनता से इस ऐप को डाउनलोड करने की अपील की जा रही है एवं इसके फायदों के बारे में जनता को जागरूक किया जा रहा है।


          लाकडाउन के दौरान जरूरी सेवा वाले विभागों को छोड़कर शेष सरकारी दफ्तर बंद किए गए हैं। ऐसे में आवश्यक प्रशासनिक कार्यों को को आनलाइन माध्यम में पूरा किया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक आयोजित कर सभी महत्वपूर्ण कार्य पूरे करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत प्रत्येक विभाग से संबंधित आवश्यक जानकारियों के प्रसार एवं जागरूकता सम्बन्धी कार्य आवश्यक जानकारियों के प्रसार एवं जागरूकता सम्बन्धी कार्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता तथा ई-भुगतान जैसे कार्य प्रभावी ढंग से किये जा रहे हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जूम एवं स्काईप जैसी वीडियो कान्फ्रेंसिंग सेवाओं का उपयोग करते हुए कोरोना के सन्दर्भ में स्वास्थ्य अमले को प्रशिक्षित किया जा रहा है। एन.आई.सी. की वीडियो कान्फ्रेंसिंग  सेवाओं का उपयोग भी हर जिले में कोविड संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव की रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।


          प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में लाकडाउन की अवधि में शिक्षण कार्य प्रभावित न हो, इस उद्देश्य को सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग की रणनीति भी शिक्षा विभाग द्वारा बनाई गई है। इस हेतु प्रत्येक शिक्षण संस्था द्वारा प्रतिदिन आनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। परीक्षा सम्बन्धी कार्य भी आनलाइन माध्यम से संचालित किए जा रहे हैं।


          कोरोना संकट के बीच जारी लाकडाउन में किसी तरह की सेवायें बाधित न हो इसकी पूरी मानिटरिंग 24 घंटे आनलाइन की जा रही है। आरोग्य सेतु ऐप के अतिरिक्त सी.एम. हेल्पलाइन, टेली मेडिसिन, सार्थक ऐप जैसे अनेक नवाचारी आई.टी. प्रयास किए गए हैं। मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क विभाग ने फेसबुक के सहयोग से एम.पी.गवर्नमेंट कोरोना व्हाट्सअप इन्फोटेक और विभाग का अधिकारिक फेसबुक मैसेन्जर तैयार कराया है। जनसामान्य को कोरोना व्हाअ्सअप हेल्पडेस्क और मैसेन्जर पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी जानकारी प्राप्त हो रही है। प्रदेश सरकार का यह मानना है कि कोरोना वायरस क कारण हुए लाकडाउन से प्रदेश की आबादी घरों में सिमट गई है। ऐसे में आम जनजीवन को सुगम बनाने के लिए तकनीकी संसाधन ही सबसे महत्वपूर्ण हो सकते हैं। सरकार को विश्वास है कि जल्दी ही हम कोरोना महामारी के संकट से मुक्त होंगे और प्रदेश पुनः पूरी तेजी से खुशहाली की ओर लौटेगा।


(लेखिका स्कूल आफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन,एलएनसीटी यूनिवर्सिटी, भोपाल में विभागाध्यक्ष हैं।)